ग्रीन कॉफी कैसे बनाये Green Coffee Kaise Banaye in Hindi

Green Coffee Kaise Banaye in Hindi-(ग्रीन कॉफी कैसे बनाये) यह जानने से पहले हमें यह क्या है और इसका प्रयोग कैसे किया जा सकता है इस बारे में जान लेना चाहिए।

ग्रीन कॉफी ऐसा उत्‍पाद है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। इसमें मौजूद पोषक तत्‍व एवं विशेष रूप से इसमें पाया जाने वाला एंटीऑक्‍सीडेंट हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।

अक्सर लोग इसका प्रयोग वजन घटाने और स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर करने के लिए करते हैं। इसका नियमित सेवन आपके लिए लाभकारी हो सकता है।

इस लेख में हम आपको ग्रीन कॉफी कैसे बनाये एवं यह क्या है और इसके हमारे स्वास्थ्य के लिए क्या—क्या लाभ हो सकते हैं इस बारे  में पूरी जानकारी देंगे।

Table of Contents

ग्रीन कॉफी क्या है? What Is Green Coffee in Hindi

ग्रीन कॉफी Green coffee विशेष प्रकार की कोई अलग तरह की कॉफी नहीं होती है। इसे तैयार करने के लिए कॉफी के सामान्य बीजों का ही प्रयोग करते हैं। कॉफी के बीजों को अगर न भूने तो वो बीज हरे रंग के ही रहते हैं। इन्हीं बीजों से बनी काफी को ग्रीन काफी कहते हैं।

इसे हरी कॉफी सेम पौधे से प्राप्त किया जाता है। जिसे अरेबिका के नाम से जानते हैं। ग्रीन टी अरेबिका के कच्‍चे बीजों से बनाई जाती है।

कॉफी के बीजों में एक तत्व क्लोरोजेनिक एसिड होता है, जोकि कॉफी के बीजों को भूनने से खत्म हो जाता है। विशेषज्ञों को मानना है कि इसमें यह तत्व बना रहता है।

यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। वर्तमान समय में लोग ग्रीन कॉफी का प्रयोग वजन घटाने के लिए सबसे अधिक कर रहे हैं। शोध से पता चला है कि ग्रीन कॉफ़ी पीने से वजन कम होता है।

इसके साथ ही यह  हाई ब्लड प्रेसर, अल्झाईमर, डायबटिज, उम्र बढ़ाने वाला एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है।

ग्रीन कॉफी का स्वाद सामान्य कॉफी से बिल्कुल अलग होता है। इसमें कैफीन की मात्रा सामान्य कॉफी से कम होती है और यह काफी लाइट होती है।

एंटी ओक्सिडेंट गुणों से भरपूर ग्रीन कॉफी उपापचय की प्रक्रिया तेज करने में मदद करती है। वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर हमारी उपापचय प्रक्रिया तेज हो तो पाचन सही प्रकार से होता है और शरीर में अनावश्यक चर्बी जमा नहीं हो पाती है।

जिससे हमारा वजन नहीं बढ़ता है। इसके साथ ही शरीर में जमा चर्बी भी कम होती है। ग्रीन कॉफ़ी लीवर साफ करने में मदद करती है। यह अनावश्यक कोलेस्ट्रॉल व शुगर लेवल को कम रखने में सहायता करती है।

ग्रीन कॉफी कैसे बनाये? Green coffee kaise banaye

ग्रीन कॉफी को बनाना बहुत ही सरल है। आइये देखते हैं 1 कफ ग्रीन कॉफी बनाने के लिए क्या करना चाहिए —

ग्रीन कॉफी बनाने के लिए निम्न सामग्री की आवश्यकता होगी।

  • 10 ग्राम ग्रीन कॉफी बीन
  • 150 मिलीलीटर गर्म पानी
  • चीनी या शहद
  • इलायची यदि आपको ठीक लगे तो

(और अधिक पढ़े शहद के फायदेे…)

कॉफी बनाने के लिए बीन को रात भर पानी में भीगने के लिए छोड़ दें। अगली सुबहन इन सभी चीजों को बीजों के पानी के साथ उबालें।

फिर गैस की आंच को कम कर 15 मिनट तक पकने के लिए छोड़ दें। अच्‍छी तरह से उबलने के बाद इसे एक घंटे तक छोड़ दें। फिर किसी छन्‍नी की मदद से इसे छान लें। इसमें आप अपने स्वाद क अनुसार चीनी या शहद मिलायें।

साथ ही इसका स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें इलायची को भी ​डाला जा सकता है।

इसके अलावा इसको तुरन्त भी बनाया जा सकता है उसके लिए आपको क्या करना चाहिए यह बताने जा रहे हैं —

  • ग्रीन कॉफी बनाने के लिए 10 ग्राम कॉफी बीन्‍स लें। एक भगौने में 2 कफ पानी लें और उसमें बीन्स को डालकर अच्छी तरह से उबालें।
  • जब मिश्रण अच्छी तरह से उबल जाय तो इसे छन्नी की मदद से छान लें ताकि बीन्स अलग हो सके। बचे बीन्स को उपयोग फिर से किया जा सकता है।
  • इसका उपयोग दो ही बार किया जाना ठीक रहता है।
  • अब इस पेय में आप चीनी या शहद को मिला सकते हैं जिससे यह मीठा हो और इसका स्वाद बढ़े।
  • इसको बीना मीठे के भी पिया जा साकता है।

ग्रीन कॉफी के फायदे  Green coffee ke fayde in hindi

1. वजन घटाने के लिए ग्रीन कॉफी का उपयोग कैसे करें

वजन बढ़ना वर्तमान में आम समस्या बन गई है। रिसर्च व अध्यन से पता चलता है कि ग्रीन कॉफी वजन कम करने में मदद करती है। ऐसा बताया जाता है कि अगर नियमित रूप से ग्रीन कॉफी को पिया जाय तो अतिरिक्‍त मोटापे को कम किया जा सकता है।

ग्रीन कॉफी के बीजों में क्लोरोजेनिक एसिड होता है जो चयापचय (Metabolism) की क्रिया को तेज करता है जिससे फैड (वसा) ऊर्जा में परिवर्तित होता है ताकि शरीर में फैटी एसिड की मात्रा नियंत्रित रहे।

ऐसा होने से शरीर में मौजूद अतिरिक्त फैट का जमाव नहीं हो पाता है। इतना ही नहीं ​अतिरिक्त वसा को भी कम करने में मदद करता है।  प्रक्रिया तेज कर वसा  को ऊर्जा में तब्दील करता है ताकि शरीर में फैटी एसिड का स्तर बरकरार रहे।

इससे शरीर में वसा का जमाव दूर होता है फलस्वरूप वजन कम होता है। दि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो ग्रीन कॉफी का प्रयोग करना तुरन्त शुरू करें।

(और अधिक पढ़े वजन कम करने के उपाय …)

2. ग्रीन कॉफी के लाभ उच्च रक्तचाप के लिए

ग्रीन कॉफी के प्रयोग से उच्‍च रक्‍तचाप को कम किया जा सकता है। उच्‍च रक्‍तचाप एक गम्भीर समस्या है जो हर किसी के लिए खतरनाक साबित हो सकती सकती है। उच्‍च रक्‍तचाप अर्थात हाई ब्लड प्रेसर के असर को कम करने के लिए ग्रीन कॉफी में औषधीय गुण पाये जाते हैं।

ग्रीन कॉफी बीन्स में शुद्ध क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है अर्थात ग्रीन कॉफी में एंटीऑक्सीडेंट की भी प्रचुर मात्रा होती है।

इसके साथ ही इसमें पोटैशियम व सोडियम की उच्च मात्रा भी पाई जाती है जो उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए फायदेमंद होता है।

एक अध्ययन से पता चला है कि प्रतिदिन 140 से 150 मिलीग्राम ग्रीन कॉफी पीने से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। इतना ही नहीं इसके प्रयोग से हाइपरटेंशन को कम करने में मदद मिलती है।

(और अधिक पढ़े उच्च रक्तचाप के लिए अखरोट के फायदे…)

3. मधुमेह के लिए ग्रीन कॉफी के फायदे 

ग्रीन कॉफी टाइप 2 डायबिटीज या मधुमेह के खतरे को कम करने में मदद करता है। ग्रीन कॉफी के बीजों से निकला अर्क या रस खून में शुगर की मात्रा कम करने व मोटापा कम करने में सहायता करता है।

ग्रीन कॉफी के बीजों में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड, Blood Sugar (रक्त शर्करा) के उच्च स्तर को कम करता है ऐसा होने से डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है। अगर ग्रीन कॉफी का रोज दिन में दो बार सेवन किया जाय तो तो 2  डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है।

(और अधिक पढ़े मधुमेह में ब्राउन राईस के फायदे…)

4. ग्रीन कॉफी के फायदा कैंसर में

एक रिसर्च से पता चला है कि क्‍लोरोजेनिक एसिड के कारण कैंसर का प्रभाव कम हो सकता है। और ग्रीन कॉफी में क्‍लोरोजेनिक एसिड की अच्‍छी मात्रा पाई जाती है। अत: इसके नियमित सेवन  से कैंसर के उपचार में मदद मिल सकती है।

क्‍लोरोजेनिक एसिड में एंटीऑक्‍सीडेंट प्रचूर मात्रा में पाया जाता है जिससे कारण से संभवत: स्‍तन कैंसर के संक्रमण को अधिक फैलने से रोका जा सकता है और उसको ठीक करने में मदद मिल सकती है।

विशेषज्ञों के अनुसार ग्रीन कॉफी के नियमित उपयोग से कुछ तरह के कैंसरों में फायदा हो सकता है।

5. ग्रीन कॉफी का उपयोग पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए

ग्रीन कॉफी में क्‍लोरोजेनिक एसिड होने से हमारी चयापचय दर में वृद्धि हो सकती है। इसके नियमित सेवन से शरीर की बुनियादी चयापचय दर अर्थात Basal Metabolic Rate बढ़ सकता है।

जिससे हमारी पाचन शक्ति भी बढ़ जाती है साथ ही यकृत रक्त में शुगर की मात्रा को कम भेजता है जिस कारण से हमारी शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कम हो जाती है और शरीर अतिरिक्त जमा वसा का प्रयोग करना शुरू कर देता है जिससे हमारे वजन को कम करने में मदद मिलती है।

6. ग्रीन कॉफी के लाभ त्वचा एवं बालों के लिए

ग्रीन कॉफी अन्य फायदों के साथ ही त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद होती है। इसमें पाये जाने वाला क्‍लोरोजेनिक एसिड एक एंटीऑक्‍सीडेंट का कार्य करता है।

यह बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोकने में मदद करता है। जैसे-जैसे झुर्रीयां, रेखाएं, त्‍वचा का रंग और शुष्‍क त्‍वचा हो जाना  आदि समस्‍याएं। ग्रीन कॉफी के नियमित सेवन से आप इन समस्‍याओं से मुक्ति पा सकते हैं।

ये सभी समस्यायें फ्री रेडिकल्‍स के कारण होती हैं और ग्रीन कॉफी में पाये जाने वाला एंटीऑक्‍सीडेंट इन फ्री रेडिकल्‍स के प्रभाव को कम करता है। अत: ग्रीन कॉफी के प्रयोग से आप अपनी बढ़ती उम्र को रोक सकते हैं व अपनी त्वचा को निखारने में सहायता कर सकते हैं।

इसके अलावा बढ़ती उम्र में बालों का झड़ना एक आम समस्या होती है। सर में बालों का कम होना आपकी सुन्दरता को कम कर सकता है। परन्तु आप ग्रीन कॉफी के प्रयोग से इस समस्या से मुक्ति पा सकते हैं क्योंकि इसमें पायी जाने वाली एंटीऑक्‍सीडेंट सामग्री बालों के लिए फायदेमंद होती है।

यह बालों को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक पदार्थों को दूर करने में मदद करता है। यदि आप भी बालों के झड़ने की समस्या से परेशान हैं तो आपको ग्रीन कॉफी का प्रयोग अवश्य करता चाहिए।

(और अधिक पढ़े बाल और त्वचा के लिए आयर्वुेद के तोहफे…)

7. रक्त परिसंचरण के लिए ग्रीन कॉफी पीने के फायदे

खराब रक्‍त परिसंचरण के कारण उच्‍च रक्‍तचाप की समस्‍या हो सकती है। यह हार्ड अटैक, स्टोक और गुर्दे की खराब होने जैसी कई खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकता है।

परन्तु शोधों से पता चला है कि ग्रीन कॉफी में बहुत शक्तिशाली एवं असरदार दर्द नाशक के तत्व पाये जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

यह शरीर में मौजूद प्‍लेटलेट को जमने से रोकने में मदद करता हैं जिसका परिणाम यह होता है कि धमनियां ब्लाक नहीं होती और हमारा रक्त  परिसंचरण बिना रूके चलता रहता है।

अगर आप हृदय से जुड़ी समस्याओं से परेशान हैं तो आपको ग्रीन कॉफी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। यह आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।

8. ऊर्जा बढ़ाने के लिए ग्रीन कॉफी का प्रयोग

जल्दी से ऊर्जा प्राप्‍त करने के लिए ग्रीन कॉफी का प्रयोग किया जा सकता है।

क्योंकि ग्रीन कॉफी में कैफीन की अधिक मात्रा पाई जाती है। कैफीन के कारण उत्‍कृष्‍ट ऊर्जा बूस्‍टर के रूप में ग्रीन कॉफी का प्रयोग किया जा सकता है।

इसका सेवन हमारे ऊर्जा के स्‍तर को बढ़ाता है और दिनभर हमे सक्रिय रखने में मदद कर सकता है। अगर आपको जल्द थकान लग जाती है तो आपको अपनी शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए ग्रीन कॉफी का उपयोग करना लाभकारी होगा।

9. ग्रीन कॉफी के फायदे अल्‍जाइमर में

ग्रीन कॉफी का प्रयोग अल्‍जाइमर रोग को सही करने के लिए भी जाना जाता है।

अध्ययनों से पता चला है कि इसके नियमित प्रयोग से अल्जाइमर की बिमारी को कम करने में मदद मिलती है।

अगर आपको भी अल्जाइमर की बिमारी है तो ग्रीन कॉफी अल्‍जाइमर की बिमारी के प्राथमिक प्रभावों को काफी हद तक दूर करने में सहायता कर सकती है।

FAQ’s

वजन घटाने के लिए मुझे ग्रीन कॉफी कब पीनी चाहिए?

ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन के कारण आपको इसे समय से पहले नहीं पीना चाहिए, जैसे रात के समय या देर रात को। आप दिन के शुरुआत में ग्रीन कॉफी पी सकते हैं, लेकिन इसे दोपहर या शाम के समय नहीं पीना चाहिए। इसका कारण है कि ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन आपके ऊर्जा स्तर को बढ़ा सकता है जिससे नींद नहीं आती है जिससे आपकी दिनचर्या प्रभावित हो सकती है।

इसलिए, आप सुबह या दोपहर के समय ग्रीन कॉफी पी सकते हैं। इसके अलावा, अधिक से अधिक एक या दो कप ग्रीन कॉफी पीना सलाहनीय होता है ताकि इससे आपको कोई नुकसान न हो। लेकिन आपको इसे नियमित रूप से पीना चाहिए, अधिकतम दो कप का सीमा नहीं होना चाहिए।

ग्रीन टी और ग्रीन कॉफी में क्या अंतर है?

ग्रीन टी और ग्रीन कॉफी दोनों वजन घटाने में मदद करते हैं, लेकिन इनके बीच अंतर होता है। ग्रीन टी ताजा पत्तियों से बनाई जाती है जबकि ग्रीन कॉफी अनपेक्षित रूप से कच्चे कॉफी के बीजों से बनाई जाती है। इसके अलावा, ग्रीन कॉफी ज्यादा कैफीन और ग्रीन टी ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स का स्रोत होती है।

तेजी से वजन कम करने के लिए मुझे कितने कप ग्रीन टी पीनी चाहिए?

आमतौर पर, आप 2-3 कप ग्रीन टी एक दिन में पी सकते हैं। इसे अधिकतम 4 कप तक बढ़ाया जा सकता है, लेकिन अधिकतम मात्रा से अधिक सेवन के कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए, सेवन की मात्रा को अधिकतम 4 कप तक ही सीमित रखना चाहिए और इसे दिनभर में बांटकर पीना चाहिए।

ग्रीन कॉफी का स्वाद इतना खराब क्यों होता है?

ग्रीन कॉफी का स्वाद इतना खराब होने का कारण इसके अनपेक्षित रूप से कच्चे कॉफी के बीजों से बनाए जाने से होता है। इसमें आम तौर पर कॉफी के बीजों की भूरी रंग और अच्छे स्वाद को प्राप्त करने के लिए उन्हें भूनकर जलाया जाता है, लेकिन ग्रीन कॉफी में यह नहीं किया जाता है। इसके अलावा, ग्रीन कॉफी में कैफीन की अधिकता भी होती है, जिससे इसका स्वाद कड़वा लग सकता है।

Leave a Comment

close
Copy link
Powered by Social Snap