गोटू कोला (Mandukaparni)— गोटू कोला एक प्राचीन जड़ी बूटी है। जिसका उपयोग चिकित्सा के साथ ही भोजन के रूप में भी किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम सेंटेला असिएटिका (Centella Asiatica) है एवं संस्कृत में इसे मण्डूकपर्णी नाम से जाना जाता है।
गोटू कोला एवं ब्राह्मी के गुण समान होने से जड़ी बूटी ब्राह्मी को गोटू कोला भी कहा जाता है। इन दोनों जड़ी-बूटियों से होने वाले फ़ायदे कुछ हद तक एक ही तरह के है। इनका प्रभाव दिमाग में एक समान ही है इसी कारण से आयुर्वेद विज्ञान में इनका प्रयोग काफी किया जाता है। परन्तु गोटू कोला एवं ब्राह्मी के गुण जैसे— फार्माकोलॉजी (अर्थात लोगों में दवा के क्या असर होते है जानने का विज्ञान) और फोटोकैमिस्ट्री (अर्थात प्रकाश रसायन के अन्दर वे सभी रासायनिक क्रियाएँ आती हैं जिनके सम्पूर्ण होने के लिए प्रकाश की आवश्यकता होती है चाहे वह प्रत्यक्ष हो या फिर अप्रत्यक्ष)।
इन्हीं करणों से प्राचीन आयुर्वेदिक विज्ञान ग्रंथों में इन दोनों जड़ी-बूटियों को भिन्न—भिन्न माना गया है। हम इस लेख में आपको गोटू कोला के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं यह किस प्रकार आपके लिए फायदेमंद है और इससे आपकेा क्या नुकसान हो सकते हैं। तो आइये शुरू करते हैं इस लेख को — Mandukaparni Benefits and Side Effects
Table of Contents
गोटू कोला के फायदे – Gotu Kola Benefits in Hindi
मानसिक स्पष्टता के लिए गोटू कोला के फायदे – Benefits of Gotu Kola for Mental Clarity
कई बार लोगों को लगातार चिंता करने एवं साचते रहने या फिर थकान के कारण मानसिक परेशानी हो जाती है जिससे उनकी स्पष्टता कम होने लगती है। ऐसी स्थिति में बहुत सारी बातें एवं चिंताएँ दिमाग में घर कर लेती है। इस कारण से फिर व्यक्ति ठीक से सोच—समझ नहीं पाता है। यदि दिमाग में इस प्रकार उलझन और तनाव रहता है तो इसके चलते व्यक्ति स्थिति का सही प्रकार से आंकलन नहीं कर पाता है और इससे उसके किये गये कार्यो में गलतियां रह जाती है। ‘
ऐसी स्थिति से निपटने में गोटू कोला फायदेमंद होता है। यह दिमागी उलझन और तनाव को कम करके दिमाग की स्पष्टता को सुधारने में मदद करता है। जिससे दिमाग की कोशिकायें फिर से पुनर्जीवित हो जाती हैं। इसके अतिरिक्त यह दिमाग की कोशिकाओं तक रक्त की आपूर्ति को सामान्य करता है जिससे दिमाग को आवश्यकतानुसार आक्सीजन मिलती है जिससे मस्तिष्ट की खोई हुई स्पष्टता वापस आ जाती है।
मेमोरी लॉस में गोटू कोला के लाभ — Gotu Kola for Memory Loss
मेमोरी लॉस के कई कारण होते हैं। जैसे — डिमेंशिया, एमनेशिया और अल्जाइमर (संज्ञानात्मक हानि) एवं बढ़ती उम्र। इन सभी परेशानियों में गोटू कोला फायदेमंद हो सकता है।
1. एमनेशिया में दिमाग में लगी चोट के कारण मेमोरी लॉस होता है। गोटू कोला (मण्डूकपर्णी) के सेवन से दिमाग की कोशिकाओं और एन्टी-एमनेशाइक पर अच्छा असर पड़ता है। गोटू कोला में पाये जाने वाले गुण मस्तिष्क में ऑक्सीडेटिव तनाव के साथ ही मेमोरी लॉस को भी कम करने का काम करते हैं। जिससे याद करने की क्षमता का विकास होता है। इस प्रकार यह एमनेशिया की बिमारी में फायदेमंद होता है।
2. डिमेंशिया होने का मुख्य कारण अल्जाइमर रोग है। इस रोग में हमारे मस्तिष्क में बीटा-एमिऑलॉइड (β-amyloid) जमा हो जाता है जिस कारण से दिमाग में जहरीले पदार्थ जमा होने लगते हैं। इस स्थिति से बचने में गोटू कोला फायदेमंद होती है क्योंकि यह बीटा-एमिऑलॉइड के कारण दिमाग की कोशिकाओं और दिमाग में फैली विषाक्तता को कम करने में मदद करती है। इतना ही नहीं यह अल्जाइमर रोग से ग्रसित व्यक्तियों में डिमेंशिया के लक्षणों को कम करता है।
ध्यान में सुधार के लिए गोटू कोला — Gotu Kola for Improving Focus
यदि आप लम्ब समय तक किसी वस्तु में ध्यान नहीं दे पा रहे हैं तो आपमें सतर्कता की कमी हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि इसका कारण तनाव और चिंता हो सकता है। इससे बचने के लिए गोटू कोला का प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए आप दिन में दो बार 2 ग्राम गोटू कोला के पाउडर को दूध के साथ ले सकते हैं।
मानसिक थकान में गोटू कोला के फायदे — Benefits of Gotu kola in Mental Fatigue
कभी—कभी हमारा दिमगा इतना थक जाता है कि हम किसी भी वस्तु पर ध्यान केन्द्रित नहीं कर सकते हैं। इस कारण से चिड़चिड़ापन महसूल करते है और चिंतित रहने लगते हैं। इससे हमारी कार्य कुशलता पर असर पड़ता है। इसका कारण मस्तिष्क में डोपामाइन हॉर्मोन के स्तर में कमी होना है। इस स्थिति से बचने में गोटू कोला फायदा पहुंचा सकता है क्योंकि इसमें डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन को नियंत्रित करने का गुण होता है जिससे मानसिक थकान कम होती है।
अवसाद में गोटू कोला के लाभ — Gotu Kola for Depression
गोटू कोला को अवसाद के उपचार के लिए अच्छा माना जाता है जिसमें चिड़चिड़ापन, बेचैनी, उत्तेजना, निराशा और आक्रामक व्यवहार शामिल हैं। गोटू कोला में पाये जाने वाले गुण मन को शांत करने का कार्य करते हैं और दिमाग में पित्त उत्तेजना को शांत करने से उपरोक्त लक्षणों में फायदा पहुंचाते हैं। यदि आपको इसका अधिक लाभ चाहिए तो आपको इसका उपयोग मुक्ता पिष्टी और जटामांसी के साथ करना चाहिए।
बौद्धिक क्षमता बढ़ाने में गोटू कोला के फायदे – Benefits of Gotu Kola in Increasing Intellectual Capacity
यदि आपको अपनी बौद्धिक क्षमता को बढ़ाना है तो आपकेा गोटू कोला का उपयोग करना चाहिए। इसके लिए आपको 3 ग्राम मात्रा को पीस कर तैयार पेस्ट जिसमें हल्का सा गाय का दूध मिला हो को सुबह खाली पेट गुनगुने दूध के साथ लेना फायदेमंद होता है। इसको खाने के तुरन्त बाद भोजन न करें। मगर ध्यान दे जब तक दवा का उपयोग हो रहा है मांसाहारी भोजन न खाये। इस दवा का उपयोग 12 दिनों तक हो सकता है।
अनिद्रा में गोटू कोला के लाभ — Gotu Kola for Insomnia
गोटू कोला में स्लीप इन्ड्यूजिंग गुण पाये जाते हैं। यदि आप नींद न आने से परेशान हैं तो आपको इसका प्रयोग करना चाहिए। यह आपके दिमांग को शांत करता है और अच्छी नींद का कारण बनता है। इसके लिए आपको 3 ग्राम गोटू कोला पाउडर को 7 दिन तक सोने से एक घंटा पहले दूध के साथ लेना चाहिए। इससे अनिद्रा में मदद हो सकती है। और आपको अच्छी नींद प्राप्त होगी।
जल्द घाव भरने में गोटू कोला के फायदे — Gotu Kola for Wound Healing
यदि आपके घाव जल्दी नहीं भरते हैं तो आप गोटू कोला का सेवन कर सकते हैं। इसके सेवन से आपके घाव जल्दी भरते हैं। सामान्यतौर पर मधुमेह से ग्रसित लोग इसका प्रयोग करते हैं क्योंकि मधुमेय से पीड़ित व्यक्तियों के घावों को भरने में बहुत ही अधिक समय लगता है। इसके अलावा आप इसकी पत्तियों को पीस कर इसके लेप को घाप में लगा सकते हैं इससे आपकेा फायदा ही होगा।
गोटू कोला के नुकसान – Gotu Kola Side Effects in Hindi
आर्युवेदिक दवाओं के उपयोग से होने वाले नुकसान बहुत ही कम होते हैं या बिल्कुल ही नहीं होते हैं। परन्तु इनकी अधिक मात्रा आपको नुकसान पहुचा सकती है। इसी प्रकार गोटू कोला की अधिक मात्रा खान से आपको नींद आ सकती है। यदि आप इसका सेवन करना चाहिए हैं तो किसी अच्छे आयुर्वेदाचार्य से सम्पर्क करना चाहिए।
दोस्तों यह लेख आपकेा कैसा लगा हमने इस लेख में आपको गोटू कोला से होने वाले फायदेां और नुकसान के बारे में जानकारी दी है। इससे होने वाली हानी कुछ भी नहीं है। परन्तु ध्यान देना चाहिए कि इसकी अधिक मात्रा का सेवन नहीं करें। यदि आपकेा यह लेख अच्छा लगा हो तो इसको अपने दोस्तों के साथ अवश्य ही शेयर करें।